ग्वालियर
ग्वालियर के समझौते वाले हनुमान मंदिर में दो पक्षों के बीच सालों से चल रहा जमीनी विवाद कुछ मिनट में सुलझ गया। आर्मी में फौजी करीब तीन साल से इसकी शिकायत लेकर थाने और अधिकारियों के चक्कर काट रहे थे।पुलिस ने दोनों पक्षों को मंदिर बुलाया, यहां से दोनों गले लगकर विदा हुए।ग्वालियर के हस्तिनापुर थानाक्षेत्र के सकतपुरा निवासी रविंद्र बरेठा की ड्यूटी पश्चिम बंगाल के बीनागुढ़ी में है। उनका सकतपुरा में सड़क किनारे करीब ढाई लाख रुपए का प्लॉट है। इस पर तीन साल से भूरा और पुलंदर सिंह का कब्जा था। तीन साल से वे इसकी शिकायत कर रहे थे।
रविंद्र और उनके भाई बलवीर का संयुक्त प्लॉट सड़क किनारे है। इसमें से अपने हिस्से का प्लॉट बलवीर ने पुलंदर और भूरा परिहार को बेच दिया था। नाप - जोख नहीं होने की वजह से खरीदारों ने पूरे प्लॉट पर कब्जा कर लिया। इसके बाद से ही रविंद्र परेशान थे। इस बार वे हस्तिनापुर थाने पहुंचे तो उनकी मुलाकात एसडीओपी संतोष पटेल से हुई। एसडीओपी ने एएसआई वीर सिंह को निपटारे के निर्देश दिए।
एसडीओपी संतोष पटेल ने बताया-मंदिर में दोनों पक्षों में राजी-खुशी सुलह हो गई। जमीन का बंटवारा कर लिखा - पढ़ी कराई गई। एक हिस्से पर भूरा और पुलंदर, तो दूसरे हिस्से पर रविंद्र को कब्जा दिलाया गया।